ये बात शायद 1972 के करीब की है. फोन तब कम ही थे, खबरों की तलाश के लिए काफी मशक्कत करनी होती थी. कलेक्ट्रट, जहाँ जिला प्रशासन के सभी दफ्तर थे, एसएसपी ऑफिस, मोर्चरी और इमर्जेंसी वार्ड जरुर जाना होता था. मेरे रोज़ के साथी दैनिक सैनिक के रिपोर्टर श्री रमाशंकर शर्मा और मैं उस दिन शहर के सभी उन ठिकानों की फेरी लगा चुके थे, जहाँ से खबरें generate होने की सम्भावना रहती थी. लेकिन कोई भी दिलचस्प ख़बर हाथ नहीं लग सकी थी. हम दोनों सिगरेट पीते हुए अपने-अपने दफ्तर के लिए लौट रहे थे. आगरा कालेज रास्ते में पड़ता था. हम दोनों वहाँ पान खाने के लिए रुक कर छात्रों से गप करने लगे. तभी एक लड़के ने बातचीत के दौरान बीकेडी का झंडा जलाने का जिक्र किया. उसने इस बात को कुछ ऐसे अंदाज़ में बताया था कि उसको हँसी मजाक के रूप में ही लिया जा सकता था. उसके अनुसार '' आज चार-पाँच लड़कों ने बीकेडी के झंडे को फूंक दिया.'' असल में वह चौधरी चरण सिंह का जमाना था. उन्होंने कुछ ही दिन पहले कांग्रेस छोड़कर बीकेडी (भारतीय क्रांति दल ) नाम से नई पार्टी बना ली थी और यूपी के मुख्यमंत्री भी बन गए थे. चौधरी साब ने कुर्सी पर बैठते ही सबसे पहला काम पूरे प्रांत में छात्र संघों को भंग करने का किया था. इस फैसले के विरोध में जगह-जगह आन्दोलन हो रहे थे, सबसे ज्यादा हंगामा पूर्वी उत्तरप्रदेश में किया जा रहा था.
उस दिन खाली हाथ लौटने के मलाल के साथ दफ्तर पहुँचा. चाय-सिगरेट मंगवाई. तभी विचार कौंधा, झंडे वाली ख़बर को ही क्यों न develop किया जाए और वह उस दिन की लीड बन गयी. उस ख़बर ने ऐसा समाँ बाँधा कि
अगले दिन से आगरा में सभी डिग्री कालेज बंद हो गए और छात्र सडकों पर उतर आए और जबरदस्त विरोध पनपते देख कर सिर्फ तीन दिन बाद चौधरी साब को छात्र संघों को भंग करने का आदेश भंग कर देना पड़ा. हाँ मेरे मित्र ने जरुर इस बात का थोड़ा बुरा माना, पर इसमें मेरी गलती कहाँ थी
आलपिन का सफरनामा #शब्दकौतुक
1 month ago
5 comments:
हिन्दी ब्लागिंग जगत में आपका स्वागत है। आशा है ,हमारा ज्ञानवर्द्धन होगा आपके ब्लाग से।
हिन्दी ब्लागिरी में आप का स्वागत है। माध्यम की ताकत की ऐसी है।
हिन्दी चिट्ठाजगत में इस नये चिट्ठे का एवं चिट्ठाकार का हार्दिक स्वागत है.
मेरी कामना है कि यह नया कदम जो आपने उठाया है वह एक बहुत दीर्घ, सफल, एवं आसमान को छूने वाली यात्रा निकले. यह भी मेरी कामना है कि आपके चिट्ठे द्वारा बहुत लोगों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा मिल सके.
हिन्दी चिट्ठाजगत एक स्नेही परिवार है एवं आपको चिट्ठाकारी में किसी भी तरह की मदद की जरूरत पडे तो बहुत से लोग आपकी मदद के लिये तत्पर मिलेंगे.
शुभाशिष !
-- शास्त्री (www.Sarathi.info)
डा. साहब आप का स्वागत है !
- लावण्या
स्वागत है आपका हिंदी ब्लॉग जगत में।
आपके ऐसे संस्मरणों से ही हमें बहुत कुछ सीखने का मौका मिलेगा।
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